Thursday, 27 April 2017

बादाम भीगा हुआ या फिर सूखा, जानें सेहत के लिए कौन-सा है फायदेमंद ?

बादाम भीगा हुआ या फिर सूखा, जानें सेहत के लिए कौन-सा है फायदेमंद ?


 अक्सर शोध में ये बात सामने आती है कि बादाम खाने से दिमा  तेज होता है। इसे खाने से बुद्धि का विकास होता तो है लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे खाते कैसे हैं।
 डाइटिशियन कहते हैं कि बादाम में कई प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स जैसे विटामिन-ई, जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। यदि आप इसे रात में पानी में भिगोकर सुबह खाते हैं तो ये ज्यादा फायदेमंद होता है।

भिगोया हुआ बादाम खाने को इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके छिलके में टेनिन होता है जो पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है।

पाचन क्रिया में मदद करता है भीगा बादाम


- बादाम को छ से आठ घंटे से ज्यादा पानी में भिगोकर नहीं रखना चाहिए। पानी में भिगोया हुआ बादाम पाचन क्रिया में भी मदद करता है। जिनका वजन अधिक है उन्हें भी सूखा बादाम खाने की बजाय भीगा हुआ बादाम खाना चाहिए। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट भूख को रोकने में मदद करता है। 
- ये एंटी-ऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्त्रोत है। भीगा हुआ बादाम बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियंत्रण रकता है और शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है। 

दिल के लिए है अच्छा

- यदि आपको दिल से संबंधित कोई बीमारी है तो सूखा बादाम खाने की बजाय पानी में भिगोए हुए बादाम का सेवन प्रतिदिन करें। भीगा हुआ बादाम एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट एंजेंट है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करता है। बादाम के ये गुण दिल को स्वस्थ रखने, पूरे ह्रदय प्रणाली को नुकसान पहुंचाने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं। 
- एक अध्ययन के मुताबिक, भीगे हुए बादाम ब्लड प्रेशर के लिए भी अच्छे होते हैं। इससे खून में अल्फा टोकोफेरॉल की मात्रा बढ़ती है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

मर्दों को जरूर खाना चाहिए भीगा बादाम

- अध्ययन में ये बात सामने आई है कि 30 से 70 साल के पुरुष अगर नियमित रूप से बादाम खाते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। बच्चों को भी सूखे बादाम की बजाय पानी में भिगोए हुए बादाम खाने के लिए दें। भीगे हुए बादाम में इतनी ताकत होती है कि वह छोटे बच्चों की बुद्धि का विकास करने में सहायक होते हैं। 
- इसका सेवन गर्भवतियों को भी करना चाहिए क्योंकि पेट में पल रहे शिशु का विकास तेजी से होता है

साभार 

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