विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)
ने कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित कर दिया है। वहीं देश में कोरोनावायरस
संक्रमितों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है, जिसमें 17 विदेशी शामिल हैं। राहत की बात यह है कि
भारत में अबतक इससे किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन चिंता की
बात यह है कि अबतक इसका इलाज भी नहीं ढूंढा जा सका है। इस बीच भय के माहौल में लोग
सामान्य बुखार या सर्दी में भी घबरा जा रहे हैं। अधिकतर लोगों को कोरोनावायरस की
खास जानकारी नहीं है। दरअसल कोरोना, सर्दी-बुखार या सीजनल
फ्लू से बिल्कुल अलग है। आइए, जानते हैं इस
बारे में विस्तार से:
सबसे
पहले जानते हैं मौसमी बुखार के बारे में:
इसकी शुरुआत आकस्मिक हो सकती है। मौसम में बदलाव के बीच लापरवाही बरतने के कारण लोग बीमार हो जाते हैं।
इसकी शुरुआत आकस्मिक हो सकती है। मौसम में बदलाव के बीच लापरवाही बरतने के कारण लोग बीमार हो जाते हैं।
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लक्षण: बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों
में दर्द, थकान, सिरदर्द, गले में दर्द, नाक से पानी बहना
·
अन्य लक्षण: दस्त, उल्टी
·
एक से चार दिन तक संक्रमण के लक्षण दिखते हैं।
·
जटिल मामले: एक फीसदी केस (निमोनिया वाले)
·
इसका सामान्य उपचार उपलब्ध है और अधिकतम एक से दो
सप्ताह के अंदर आप ठीक हो जाते हैं।
अब
जानते हैं सामान्य सर्दी के बारे में:
ठंड लगने के कारण सर्दी होना आम बात है। आंख, नाक और कान के माध्यम से ठंडी हवा लगने से या फिर ठंडे वातावरण में ठंडी चीजें ज्यादा खाने से हमें सर्दी हो जाती है।
ठंड लगने के कारण सर्दी होना आम बात है। आंख, नाक और कान के माध्यम से ठंडी हवा लगने से या फिर ठंडे वातावरण में ठंडी चीजें ज्यादा खाने से हमें सर्दी हो जाती है।
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लक्षण: बहती नाक, छींक,
गले में दर्द
·
अन्य लक्षण: सामान्य बुखार, शरीर या मांसपेशियों में दर्द,
सिरदर्द और थकान
·
दो से तीन दिन तक संक्रमण के लक्षण दिखते हैं।
·
सर्दी में जटिल मामले बेहद कम, नहीं के
बराबर होते हैं।
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सामान्य दवाओं या घरेलू उपचार से अधिकतम एक सप्ताह के
भीतर आप ठीक हो जाते हैं।
अब
जानते हैं कोरोनावायरस के बारे में:
कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है, जिससे अबतक दुनियाभर में 3100 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है। इसकी शुरुआत अचानक हो सकती है।
कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है, जिससे अबतक दुनियाभर में 3100 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है। इसकी शुरुआत अचानक हो सकती है।
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लक्षण: बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों
में दर्द, थकान
·
अन्य लक्षण: सिरदर्द, खून वाली खांसी और दस्त
·
संक्रमण के लक्षण सामान्यत: 1-14 दिन तक,
जबकि कुछ मामलों में 24 दिन भी दिखते हैं।
·
कोरोना से पीड़ित मामलों में 5 फीसदी जटिल
मामले हो सकते हैं।
·
इनमें निमोनिया, सांस लेने में परेशानी, मल्टीपल आर्गन फेल्योर जैसे मामले सामने आते हैं।
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इस बीमारी की अबतक कोई वैक्सीन या एंटीबायोटिक उपलब्ध
नहीं है, लेकिन इसके
लक्षणों का उपचार संभव है।
·
अबतक सामने आए मामलों में उचित इलाज के जरिए दो से छह
सप्ताह के अंदर लोग ठीक हो जा रहे हैं।
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अब समझते हैं कि सीजनल फ्लू से कोरोना कितना अलग है:
सीजनल
फ्लू
|
कोरोनावायरस
|
पीड़ित
व्यक्तियों में औसतन 0.1 फीसदी की जान जाती है
|
केवल
वुहान में इससे संक्रमित 2 प्रतिशत की मौत
|
हर
मरीज औसतन 1.3 लोगों में संक्रमण फैलाता है
|
एक
संक्रमित व्यक्ति औसतन 2.2 लोगों को संक्रमित करता है
|
65 से अधिक
उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा
|
प्रतिरोधक
क्षमता कमजोर होने पर खतरा ज्यादा
|
कोरोना की फिलहाल कोई दवा नहीं है, हालांकि कई परीक्षण चल रहे हैं। फ्लू की चार दवाइयां पहले से हैं। लक्षण
सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलने और दवा लेने से राहत मिल सकती है। इन सारी
जानकारियों के बाद आप भी समझ गए होंगे कि अगर आपका नाक जाम है या उससे पानी गिर
रहा है तो आप कोरोनावायरस से पीड़ित नहीं हैं।
कई लोगों के मन में ये सवाल भी रहता
है कि क्या उन्हें कोरोना की जांच करानी चाहिए। डॉक्टर बताते हैं कि जांच कराना
उन्हें जरूरी है, जो पिछले कोरोनावायरस से
प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे हों या फिर प्रयोगशाला में पॉजिटिव पाए गए
मरीजों से सीधे संपर्क में आए हों। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि 14 दिनों के लिए घर में आइसोलेशन में रहें।
14 दिनों के भीतर लक्षण दिखने लगें तो प्रयोगशाला में जांच कराएं। स्वास्थ्य मंत्रालय की हेल्पलाइन +91 11 23978046 पर संपर्क करें। किसी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आएं तो फिर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
14 दिनों के भीतर लक्षण दिखने लगें तो प्रयोगशाला में जांच कराएं। स्वास्थ्य मंत्रालय की हेल्पलाइन +91 11 23978046 पर संपर्क करें। किसी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आएं तो फिर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
बचाव
के लिए इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
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बार-बार आंख, नाक मुंह छूने से बचें।
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संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।
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सर्दी, जुकाम, बुखार
और कफ होने पर अस्पताल जरूर जाएं।
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साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। 20 सेकंड तक
साबुन से हाथ धुलें।
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भीड़भाड़ में 3 से 6 फुट की
दूरी बना कर चलें।
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बार-बार हाथ धोते रहें ताकि कीटाणु न फैलें।