बरिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लाता है। इस मौसम में फंगल
इंफेक्शन, उल्टी, खांसी,
जुकाम, बुखार और कब्ज की समस्या आम हो जाती
है। अक्सर इन समस्याओं के लिए लोग डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि
उन्हें लगता है कि ये छोटी बीमारियां हैं। कुछ घरेलू नुस्खों से आप घर पर ही इन
परेशानियों से राहत पा सकते हैं। हरड़ एक ऐसा हर्ब है जो इन दिक्कतों को आसानी से
ठीक कर देता है।
फंगल इंफेक्शन
बारिश में स्किन रैशेज और त्वचा पर फंगल इंफेक्शन की समस्या आम है। फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं। त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें। अगर धूप से या किसी चीज के खाने के बाद एलर्जी हुई है तो शरीर के उस भाग की धुलाई भी हरड़ के काढ़े से की जा सकती है।
कब्ज से निजात
हरड़ में गैलिक एसिड नाम का तत्व मौजूद होता है जो कॅलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और रक्त में प्लाज्मा इंसुलिन बढ़ जाता है। कब्ज दूर करने के लिए हरड़ के पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर लौंग अथवा दालचीनी के साथ लें।
रोगों का हरण
माना जाता है कि हरड़ में अधिकांश रोगों के हरण की क्षमता होती है, इसलिए इसे हरीतकी कहा जाता है। हरड़ पाचन तंत्र को सुधार कर इसे मजबूत बनाता है। साथ ही यह शरीर को डिटॉक्स कर (विशेष रूप से पेट को) वजन कम करने में भी मददगार है।
उल्टी की समस्या
हरड़ और शहद का सेवन करने से उल्टियां रुक जाती हैं।
'आयुर्वेद के अनुसार यह जड़ी-बूटी खाए गए पोषक तत्वों का अच्छे से समावेश कर शरीर को स्वस्थ बनाती है।'-
बारिश में स्किन रैशेज और त्वचा पर फंगल इंफेक्शन की समस्या आम है। फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं। त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें। अगर धूप से या किसी चीज के खाने के बाद एलर्जी हुई है तो शरीर के उस भाग की धुलाई भी हरड़ के काढ़े से की जा सकती है।
कब्ज से निजात
हरड़ में गैलिक एसिड नाम का तत्व मौजूद होता है जो कॅलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और रक्त में प्लाज्मा इंसुलिन बढ़ जाता है। कब्ज दूर करने के लिए हरड़ के पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर लौंग अथवा दालचीनी के साथ लें।
रोगों का हरण
माना जाता है कि हरड़ में अधिकांश रोगों के हरण की क्षमता होती है, इसलिए इसे हरीतकी कहा जाता है। हरड़ पाचन तंत्र को सुधार कर इसे मजबूत बनाता है। साथ ही यह शरीर को डिटॉक्स कर (विशेष रूप से पेट को) वजन कम करने में भी मददगार है।
उल्टी की समस्या
हरड़ और शहद का सेवन करने से उल्टियां रुक जाती हैं।
'आयुर्वेद के अनुसार यह जड़ी-बूटी खाए गए पोषक तत्वों का अच्छे से समावेश कर शरीर को स्वस्थ बनाती है।'-